आज के समय में बच्चों में टाइफाइड बुखार एक सामान्य लेकिन गंभीर बीमारी के रूप में देखा जा रहा है। यह बीमारी साल्मोनेला टाइफी (Salmonella Typhi) नामक बैक्टीरिया के कारण होती है, जो दूषित पानी, अस्वच्छ भोजन और गंदे हाथों के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। इंदौर की वरिष्ठ चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. प्रियंका जैन का कहना है कि “बच्चों में टाइफाइड बुखार तब होता है जब बच्चा दूषित भोजन, गंदा पानी या खुले में रखे खाने का सेवन करता है। साथ ही, कमजोर इम्यूनिटी भी इसका एक प्रमुख कारण है।”
टाइफाइड बुखार क्या है?
टाइफाइड एक संक्रमणजन्य बीमारी (Infectious Disease) है जो रक्त प्रवाह के माध्यम से पूरे शरीर में फैलती है। यह मुख्य रूप से बैक्टीरिया साल्मोनेला टाइफी द्वारा फैलता है। जब कोई बच्चा दूषित भोजन या पानी ग्रहण करता है, तो यह बैक्टीरिया आंतों में पनपकर शरीर में फैल जाता है, जिससे बुखार, कमजोरी और कई अन्य लक्षण उत्पन्न होते हैं।
बच्चों में टाइफाइड बुखार धीरे-धीरे बढ़ता है और कई बार सामान्य वायरल बुखार जैसा लगता है, जिससे माता-पिता इसे पहचानने में देर कर देते हैं।
बच्चों को टाइफाइड बुखार क्यों होता है?
बच्चों में टाइफाइड बुखार के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –
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गंदा पानी पीना: दूषित पानी में मौजूद बैक्टीरिया सीधे शरीर में चले जाते हैं।
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अस्वच्छ या खुले में रखा भोजन: सड़क किनारे या खुले में रखे खाद्य पदार्थों से संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
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हाथों की सफाई का अभाव: बिना हाथ धोए खाना खाने से बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करते हैं।
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कमजोर प्रतिरोधक क्षमता (Low Immunity): जिन बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, वे जल्दी संक्रमित हो जाते हैं।
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संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना: किसी संक्रमित व्यक्ति के उपयोग की चीज़ों को छूने से भी संक्रमण फैल सकता है।
🤒 बच्चों में टाइफाइड बुखार के लक्षण
बच्चों में टाइफाइड बुखार के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
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लगातार या रुक-रुक कर तेज बुखार आना
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शरीर में दर्द और थकावट
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सिरदर्द और भूख न लगना
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पेट में दर्द या दस्त लगना
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बच्चे का चिड़चिड़ा होना या सुस्ती आना
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जीभ पर सफेद परत या मुंह से दुर्गंध
यदि ये लक्षण 3–4 दिन से अधिक बने रहें, तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ (Child Specialist) से सलाह लेनी चाहिए।
टाइफाइड बुखार कितने दिन तक रहता है?
आम तौर पर बच्चों में टाइफाइड बुखार 7 से 14 दिन तक रहता है। अगर समय पर सही इलाज नहीं किया जाए तो यह लंबा चल सकता है और दोबारा भी हो सकता है।
डॉ. प्रियंका जैन बताती हैं कि “कई बार टाइफाइड के बैक्टीरिया शरीर में निष्क्रिय अवस्था में रह जाते हैं और इलाज अधूरा रहने पर दोबारा सक्रिय हो जाते हैं।” इसलिए पूरा कोर्स पूरा करना बहुत आवश्यक है।
बच्चों में टाइफाइड होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
क्या खाना चाहिए:
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हल्का और पचने वाला खाना जैसे खिचड़ी, दाल का पानी, सूप, दलिया
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उबला हुआ या फ़िल्टर किया हुआ पानी
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ताजे फलों का रस और नारियल पानी
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घर का बना सादा भोजन
क्या नहीं खाना चाहिए:
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बाहर का या तला-भुना खाना
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बहुत मसालेदार या भारी भोजन
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कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम या ठंडे पेय
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अधपका या खुला भोजन
टाइफाइड से बचाव के उपाय
बच्चों में टाइफाइड बुखार से बचाव इलाज से बेहतर है। कुछ जरूरी सावधानियां इस प्रकार हैं –
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खाना खाने से पहले हमेशा हाथ धोएं।
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केवल उबला या शुद्ध पानी ही पिलाएं।
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फलों और सब्जियों को खाने से पहले साफ पानी से धोएं।
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बाहर के खाने से बच्चों को बचाएं।
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टाइफाइड वैक्सीन जरूर लगवाएं — यह शरीर में सुरक्षा कवच का काम करता है।
डॉ. प्रियंका जैन का सुझाव है कि “बच्चों में टाइफाइड बुखार से बचने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है। यह बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है और दोबारा संक्रमण के खतरे को भी कम करता है।”
❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या टाइफाइड गंदे पानी और दूषित भोजन से होता है?
👉 हाँ, बिल्कुल। दूषित पानी और अस्वच्छ भोजन बच्चों में टाइफाइड बुखार का प्रमुख कारण है।
प्रश्न 2: टाइफाइड किसकी कमी से होता है?
👉 यह किसी पोषक तत्व की कमी से नहीं, बल्कि बैक्टीरियल संक्रमण से होता है। हालांकि, कमजोर इम्यूनिटी इसे बढ़ावा देती है।
प्रश्न 3: क्या टाइफाइड संक्रामक है?
👉 हाँ, यह संक्रमित व्यक्ति के मल या उसके उपयोग की वस्तुओं से फैल सकता है।
प्रश्न 4: बच्चों में टाइफाइड बुखार का सही इलाज क्या है?
👉 सही इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह अनुसार एंटीबायोटिक कोर्स पूरा करें और आराम के साथ हल्का भोजन दें।
प्रश्न 5: क्या टाइफाइड वैक्सीन जरूरी है?
👉 हाँ, टाइफाइड वैक्सीन बच्चों के लिए बहुत जरूरी है। यह संक्रमण से लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करता है।
निष्कर्ष
बच्चों में टाइफाइड बुखार एक ऐसी बीमारी है जो थोड़ी सी लापरवाही से गंभीर रूप ले सकती है। इसलिए स्वच्छता, शुद्ध भोजन और समय पर वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है।
डॉ. प्रियंका जैन, सीनियर चाइल्ड स्पेशलिस्ट, Bachpan Kids Care Clinic, इंदौर का मानना है कि –
“यदि हर माता-पिता अपने बच्चों की साफ-सफाई और भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान दें, तो बच्चों में टाइफाइड बुखार जैसी बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है।”




