बच्चों में बार-बार होने वाले बुखार और खांसी को अक्सर सामान्य सर्दी मान लिया जाता है, लेकिन कई बार यह इन्फ्लूएंजा (फ्लू) भी हो सकता है। यह एक वायरल संक्रमण है जो फेफड़ों की वायु नलिकाओं को प्रभावित करता है।
Dr. Priyanka Jain, (Best pediatrician near me) जो कि Bachpan Kids Care Clinic (इंदौर) की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ हैं, कहती हैं कि फ्लू बच्चों के लिए कभी-कभी गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है, यदि समय पर ध्यान न दिया जाए।
बच्चों में फ्लू क्या है?
इन्फ्लूएंजा वायरस से होने वाला फ्लू एक संक्रामक श्वसन संक्रमण है जो विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में फैलता है। यह तेज़ बुखार, खांसी, गले में खराश, बदन दर्द, सिरदर्द और अत्यधिक थकान जैसे लक्षणों के साथ सामने आता है।
Dr. Priyanka Jain (Best pediatrician near me) बताती हैं कि अधिकतर बच्चे एक हफ्ते के अंदर ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ बच्चों में यह बीमारी निमोनिया, कान का संक्रमण, अस्थमा का बढ़ना या कभी-कभी मृत्यु तक का कारण बन सकती है।
फ्लू के कारण
फ्लू तीन प्रकार के इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है:
- इन्फ्लूएंजा A और B: ये हर साल महामारी का कारण बनते हैं। इन वायरस में लगातार बदलाव (mutation) होते रहते हैं, जिससे हर वर्ष नया वैक्सीन आवश्यक होता है।
- इन्फ्लूएंजा C: यह हल्के संक्रमण का कारण बनता है और आमतौर पर गंभीर नहीं होता।
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की खांसी, छींक या उसके स्पर्श से फैलता है। बच्चा अगर ऐसी सतह (जैसे मोबाइल, खिलौने, दरवाज़े के हैंडल) को छूता है और फिर अपनी आंख, नाक या मुंह को छूता है, तो संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
किन बच्चों को फ्लू का ज़्यादा खतरा होता है?
Dr. Priyanka Jain (Best pediatrician near me) के अनुसार निम्नलिखित बच्चों में फ्लू का खतरा अधिक होता है:
- जिनकी इम्यूनिटी कमज़ोर है
- जिन्हें टीका नहीं लगा है
- जो सार्वजनिक जगहों पर बार-बार जाते हैं
- जिन्हें पुरानी बीमारियाँ हैं जैसे अस्थमा, हृदय रोग
- जो हाथ धोने की आदत में लापरवाह हैं
बच्चों में फ्लू के लक्षण
Bachpan Kids Care Clinic (child specialist hospital in indore) में Dr. Priyanka Jain के पास आने वाले बच्चों में सामान्यतः ये लक्षण देखे जाते हैं:
- तेज़ बुखार (103°F से ऊपर)
- सिरदर्द
- शरीर में दर्द
- गले में खराश
- खांसी (कभी-कभी बहुत गंभीर)
- अत्यधिक थकान
- नाक बहना या बंद होना
कुछ मामलों में:
- उल्टी
- दस्त
- मतली
सर्दी और फ्लू में अंतर
लक्षण | सामान्य सर्दी | फ्लू |
बुखार | बहुत कम | तेज़ और अचानक |
सिरदर्द | कभी-कभी | प्रायः होता है |
खांसी | हल्की | गंभीर और सूखी |
थकान | थोड़ी | अत्यधिक |
शरीर दर्द | हल्का | तीव्र |
छींक | आम | कभी-कभी |
फ्लू का निदान कैसे (Best pediatrician near me) होता है?
डॉ. प्रियंका जैन बताती हैं कि निदान के लिए ज़रूरी नहीं कि हर बार लैब टेस्ट किया जाए। अधिकतर मामलों में केवल लक्षण देखकर ही फ्लू की पहचान की जा सकती है। ज़रूरत होने पर गले या नाक का स्वैब टेस्ट भी किया जा सकता है।
बच्चों में फ्लू का इलाज
Bachpan Kids Care Clinic (child specialist hospital in indore) में इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि बच्चा कितना बीमार है:
- बुखार के लिए: एसीटामिनोफेन (पैरासिटामोल) दिया जाता है। एस्पिरिन कभी न दें।
- एंटीवायरल दवाएं: जैसे Oseltamivir यदि लक्षणों की शुरुआत के 48 घंटे के अंदर दी जाए, तो बीमारी की अवधि कम हो सकती है।
- एंटीबायोटिक दवाएं: केवल तब दी जाती हैं जब बैक्टीरियल संक्रमण (जैसे न्यूमोनिया या कान का इंफेक्शन) हो।
- भरपूर आराम और तरल पदार्थ (पानी, सूप, नारियल पानी) पीने की सलाह दी जाती है।
फ्लू की जटिलताएं
Dr. Priyanka Jain चेतावनी देती हैं कि यदि फ्लू का इलाज समय पर न हो तो जटिलताएं हो सकती हैं:
- सांस लेने में दिक्कत
- फेफड़ों का संक्रमण (न्यूमोनिया)
- कान का संक्रमण
- पुरानी बीमारियों का बिगड़ना (जैसे अस्थमा)
- दुर्लभ मामलों में मृत्यु
बच्चों में फ्लू से बचाव कैसे करें?
सबसे प्रभावी तरीका है फ्लू वैक्सीन।
Dr. Priyanka Jain (Best pediatrician near me) सलाह देती हैं कि:
- 6 महीने से ऊपर के हर बच्चे को हर साल फ्लू का टीका ज़रूर लगवाना चाहिए।
- 6 महीने से 8 वर्ष की उम्र के बच्चों को पहली बार दो डोज़ दी जाती हैं (1 महीने के अंतराल पर)।
- 2 साल से ऊपर के स्वस्थ बच्चों को नाक के स्प्रे के रूप में भी वैक्सीन दी जा सकती है।
वैक्सीन से संबंधित (Best pediatrician near me) भ्रांतियाँ:
- वैक्सीन से हल्का बुखार या दर्द हो सकता है, लेकिन इससे “फ्लू” नहीं होता।
- यह वैक्सीन हर साल लगवाना ज़रूरी है क्योंकि वायरस हर साल बदलता है।
फ्लू से बचाव के अन्य उपाय
Dr. Priyanka Jain और उनकी टीम Bachpan Kids Care Clinic (child specialist hospital in indore) में माता-पिता को ये सुझाव देती हैं:
- संक्रमित लोगों से दूर रहें
- बच्चों को सही तरीके से हाथ धोना सिखाएं
- भीड़भाड़ में मास्क लगाएं
- छींकते या खांसते समय मुंह ढकें
- घर की सतहें रोज़ाना साफ़ करें
डॉक्टर से कब मिलें?
यदि आपके बच्चे में निम्नलिखित लक्षण हैं, तो तुरंत Dr. Priyanka Jain (Best pediatrician near me) से संपर्क करें:
- बुखार तीन दिनों से अधिक बना रहे
- बच्चा बहुत सुस्त हो जाए या खाना पीना बंद कर दे
- साँस लेने में कठिनाई हो
- लगातार उल्टी या दस्त हो
- लक्षण बिगड़ते जा रहे हों
डॉक्टर से मिलने से पहले ध्यान रखें:
- अपने सभी सवाल लिखकर ले जाएं
- डॉक्टर की सलाह को नोट करें
- दवाओं के साइड इफेक्ट्स और विकल्पों के बारे में पूछें
- फॉलो-अप अपॉइंटमेंट की तारीख पूछें
- आपातकाल में संपर्क करने की प्रक्रिया जानें
निष्कर्ष
Dr. Priyanka Jain और Bachpan Kids Care Clinic (child specialist hospital in indore) की सलाह के अनुसार, बच्चों में फ्लू को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यदि समय रहते निदान और वैक्सीनेशन हो जाए, तो यह बीमारी आसानी से रोकी जा सकती है। माता-पिता को न केवल इलाज के प्रति सजग होना चाहिए, बल्कि फ्लू से बचाव के लिए सालाना वैक्सीन ज़रूर लगवाना चाहिए।
यदि आपके बच्चे में फ्लू के कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत Dr. Priyanka Jain (Best pediatrician near me) से संपर्क करें और सही मार्गदर्शन प्राप्त करें।